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रानी की वाव का इतिहास और रोचक बातें | Rani Ki Vav Patan History In Hindi

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रानी की वाव का इतिहास और रोचक बातें | Rani Ki Vav Patan History In Hindi Rani Ki Vav /   रानी की वाव भारत के गुजरात राज्य के पाटण ज़िले में स्थित प्रसिद्ध बावड़ी (सीढ़ीदार कुआँ) है। 23 जून, 2014 को इसे यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में सम्मिलित किया गया। यह बावड़ी एक भूमिगत संरचना है जिसमें सीढ़ीयों की एक श्रृंखला, चौड़े चबूतरे, मंडप और दीवारों पर मूर्तियां बनी हैं जिसके जरिये गहरे पानी में उतरा जा सकता है। यह सात मंजिला बावड़ी है जिसमें पांच निकास द्वार है और इसमें बनी 800 से ज्यादा मूर्तियां आज भी मौजूद हैं। यह बावड़ी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत संरक्षित स्मारक है । रानी की वाव का इतिहास – Rani Ki Vav Patan History In Hindi पाटण को पहले ‘अन्हिलपुर’ के नाम से जाना जाता था, जो गुजरात की पूर्व राजधानी थी। कहते हैं रानी की वाव को रानी उदयामती ने अपने पति राजा भीमदेव की याद में वर्ष 1063 में बनवाया था। राजा भीमदेव गुजरात के सोलंकी राजवंश के संस्थापक थे। भूगर्भीय बदलावों के कारण आने वाली बाढ़ और लुप्त हुई सरस्वती नदी के कारण यह बहुमूल्य धरोहर तकरीबन...

ऐतिहासिक सूर्य मंदिर मोढेरा, जहां मना है भगवान सूर्य की पूजा

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ऐतिहासिक सूर्य मंदिर मोढेरा, जहां मना है भगवान सूर्य की पूजा शिल्‍प का बेहतरीन नमूना मोढेरा सूर्य मंदिर गुजरात के पाटन नामक स्थान से 30 किलोमीटर दक्षिण की ओर मोढेरा गॉव में निर्मित है। यह सूर्य मन्दिर विलक्षण स्थापत्य और शिल्प कला का बेजोड़ उदाहरण है। इस मंदिर के निर्माण में जोड़ लगाने के लिए कहीं भी चूने का प्रयोग नहीं किया गया है। ईरानी शैली में बने इस मंदिर को सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम ने 1026 ई. में दो हिस्सों में बनवाया था। जिसमें पहला हिस्सा गर्भगृह का और दूसरा सभामंडप का है। गर्भगृह में अंदर की लंबाई 51 फुट, 9 इंच और चौड़ाई 25 फुट, 8 इंच है। मंदिर के सभामंडप में कुल 52 स्तंभ हैं। इन स्तंभों पर विभिन्न देवी-देवताओं के चित्रों के अलावा रामायण और महाभारत के प्रसंगों को बेहतरीन कारीगरी के साथ दिखाया गया है। इन स्तंभों को नीचे की ओर देखने पर वह अष्टकोणाकार और ऊपर की ओर देखने से वह गोल नजर आते हैं। मंदिर का निर्माण कुछ इस प्रकार किया गया था कि सूर्योदय होने पर सूर्य की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह को रोशन करे। सभामंडप के आगे एक विशाल कुंड है जो सूर्यकुंड या राम...

पंडित जवाहरलाल नेहरू की जीवनी | Jawaharlal Nehru in Hindi

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पंडित जवाहरलाल नेहरू की जीवनी | Jawaharlal Nehru in Hindi By  सतीश पटेल आज़ादी के लिये लड़ने वाले और संघर्ष करने वाले मुख्य महापुरुषों में से जवाहरलाल नेहरु एक थे। वे  पंडित जवाहरलाल नेहरु  –  Pandit Jawaharlal Nehru  के नाम से जाने जाते थे। जिन्होंने अपने भाषणों से लोगो का दिल जीत लिया था। इसी वजह से वे  आज़ाद भारत के सबसे पहले प्रधानमंत्री  भी बने और बाद में उनकी महानता को उनकी बेटी और पोते ने आगे बढाया। इस महान महापुरुष के जीवन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:  Pandit Jawaharlal Nehru जवाहरलाल नेहरु जीवनी – Jawaharlal Nehru in Hindi पूरा नाम –  जवाहरलाल मोतीलाल नेहरु जन्म       – 14 नवम्बर 1889 जन्मस्थान  – इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) पिता       – मोतीलाल नेहरु माता       – स्वरूपरानी नेहरु शिक्षा      – 1910 में केब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनटी कॉलेज से उपाधि संपादन की। 1912 में ‘इनर टेंपल’ इस लंडन कॉलेज से बॅरिस्ट बॅरिस्टर की उपाधि संपादन की। विवा...

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी | Mahatma Gandhi biography in Hindi

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी | Mahatma Gandhi biography in Hindi By  Satish Patel Mahatma Gandhi आप उन्हें बापू कहो या  महात्मा  दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं।  अहिंसा  और  सत्याग्रह  के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे  बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो , और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने  राष्ट्रपिता  घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘ मोहनदास करमचंद गांधी ‘ –  Mahatma Gandhi – Mahatma Gandhi पूरा नाम   – मोहनदास करमचंद गांधी जन्म        – 2 अक्तुंबर १८६९ जन्मस्थान  – पोरबंदर (गुजरात) पिता        – करमचंद माता        – पूतळाबाई शिक्षा       – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें। विवाह      – कस्त...

Bhagat Singh Life History in Hindi

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महान क्रांतिकारी देशभक्त सरदार भगत सिंह सतीश पटेल Bhagat Singh Life History in Hindi शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जीवनी  यह गाथा है महान क्रांतिकारी देशभक्त सरदार भगत सिंह के शौर्य और पराक्रम की। अपने 23 वर्ष 5 माह और 23 दिन के अल्प कालीन जीवन मे जिस महा-मानव ने देश भक्ति के मायने बदल कर रख दिये और मातृभूमि के प्रति कर्तव्य कैसे निभाया जाता है, इसकी अद्भुत मिसाल दी। भगत सिंह का जीवन चरित्र लाखो नौजवानों को देश और मातृभूमि के प्रति कर्तव्य पालन की सीख देता रहा है। क्रांतिकारी भगत सिंह का  जन्म 28 सितम्बर 1907  को पंजाब प्रांत, ज़िला-लयालपुर, के बावली गाँव मे हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है। पाकिस्तान मे भी भगत सिंह को आज़ादी के दीवाने की तरह याद किया जाता है। भगत सिंह के पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था। भगत सिंह के पांच भाई – रणवीर, कुलतार, राजिंदर, कुलबीर, जगत और तीन बहनें  – प्रकाश कौर, अमर कौर एवं शकुंतला कौर थीं । अपने चाचा अजित सिंह और पिता किशन सिंह के साये मे बड़े हो रहे भगत सिंह बचपन से अंग्रेज़ो क...

महात्मा गांधी की आत्मकथा

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जब गांधी जी ने भाई का कड़ा चोरी कर उतारा था कर्जा By: Satish Patel महात्मा गांधी की आत्मकथा सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में एक वैष्णव हिंदू परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम पुतली बाई और पिता का नाम करमचंद गांधी था। उनके परिवार में हिंदू संस्कृति के सभी कर्मकांड प्रचलित थे। उनकी माता धार्मिक महिला और पिता पेशे से दीवान थे। महात्मा गांधी की आत्मकथा गांधी के जीवन की गई ऐसी घटनाएं रही जिनका जिक्र उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘सत्य व उसके प्रयोग’में किया है। इस लेख के जरिए आगे की स्लाइड में पढ़िए गांधी जी के जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्से। 15 साल की उम्र में हो गया था कर्जा गांधी जी ने अपनी आत्मकथा में एक चोरी करने की एक घटना का वर्णन किया है, उन्होंने इसमें लिखा है कि 15 साल की उम्र में मेरे पर कुछ कर्जा हो गया, इसे चुकाने के लिए उन्होंने भाई के हाथ में पहने हुए सोने के कड़े से एक तोला सोना कटवाकर सुनार को बेचकर कर्जा चुकाया था। 15 साल की उम्र में हो गया था कर्जा इसके बाद यह बात उनके लिए असहनीय हो गई। उन्हें लगा कि य...